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Saturday, May 28, 2016

स्टारडम वाया चुंबन और इमरान हाशमी

चुंबन देव  इमरान हाशमी 
फ़िल्मी पर्दे किसिंग सीन की अहमियत को इसी  बात से समझा जा सकता है कि इसी के बूते साधारण शक्ल - ओ - सूरत वाले इमरान हाशमी स्टार बन गए। इमरान हाशमी बॉलीवुड के स्टार वाले किसी क्रेटेरिया पर खड़े नहीं उतारते। औसत कद और अभिनय प्रतिभा से शून्य इमरान हाशमी अगर आज बॉलीवुड के ए लिस्टर अभिनेताओं की सूची में शामिल हैं तो ये किसिंग सींस को लेकर भारतीय दर्शकों की अतिरिक्त जिज्ञासा का ही कमाल है। लेकिन उनकी पिछली कुछ फिल्मों पर नज़र डालें तो उनके स्टारडम को फकत किसिंग सींस की उपज बताना थोड़ा ज्यादती होगी क्योंकि इन फिल्मों में उनकी एक्टिंग एक अभिनेता के रूप में उनके बढ़ते ग्रोथ को भी दर्शाता है। 


24 मार्च 1979 को जन्मे  इमरान हाशमी के करियर की शुरूआत फिल्म 'फुटपाथ' से हुई थी। इमरान महेश भट्ट के रिश्तेदार हैं और भट्ट साहब ने अपने इस रिश्तेदार को बॉलीवुड में खपाने के लिए अपने काम कला सबंधी समस्त ज्ञान का उपयोग किया। भट्ट कैम्प की फिल्म मर्डर भले ही हिंदी सिनेमा के परमपरागत मूल्यों की मर्डर करने वाली फिल्म साबित हुई हो लेकिन इस फिल्म ने इमरान हाशमी के करियर को नया जीवन दे दिया। फिल्म में मल्लिका शेरावत का बोल्ड अंदाज़  दर्शकों को खूब भाया और इसके साथ ही इमरान भी  शोहरत की बुलंदियों परपहुँच गए।  'मर्डर' इमरान के करियर की पहली बड़ी हिट फिल्म थी। शमिता शेट्टी के साथ इमरान को फिल्म 'जहर' में भी पसंद किया गया। धीरे-धीरे इमरान भट्ट कैम्प से बहार भी ऐसी फिल्मों के लिए अनिवार्य मान लिए गए। 

                             इमरान हाशमी की पर्दे पर इमेज एक किसर ब्वॉय की है। उनकी हर फिल्म उनके लंबे और जुनूनी किस सीन के लिए याद की जाती है। पर इमरान ने कुछ ऐसी भी भूमिकाएं की हैं जो यह दिखाती हैं कि वह एक अच्छे और सधे हुए अभिनेता भी हैं। सितारों की भीड़ में वह ऐसे सितारे हैं जो हर रोल में फिट बैठ जाते है।तुमसा नहीं देखा,ज़हर,आशिक बनाया आपने,अक्सर,गैंगस्टर,कलयुग,राज़-डा मिस्ट्री कंटीन्यूज़,आवारापन,द ट्रेन,दिल दिया है,द किलर,जवानी दीवानी,तुम मिले,वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई,क्रुक जैसी कामयाबी फिल्मों की फेहरिस्त ये साबित करने के लिए काफी है इमरान हाशमी अभिनेता के रूप में अब परिपक्व हो चुके हैं। इन फिल्मों के अलावा इमरान नें कई फिल्मों में कुछ ऐसे किरदार निभाये हैं जो ट्रेड मार्क बन चुके हैं मसलन दिबाकर बनर्जी की फिल्म 'शंघाई' में इमरान हाशमी ने जो‌गिंदर परमार नाम के एक व्यक्ति की भूमिका निभायी। यह व्यक्ति मीडिया के लिए तस्वीरे खींचने के अलावा छोटे स्तर पर एडल्ट फिल्‍म भी बनाता है। ‌इमरान हाशमी ने इस फिल्‍म में गजब का अभिनय किया। रोल में फिट बैठने के लिए उन्होंने अपना वजन बढ़ाने के साथ एक नकली दांत भी लगाया। साथ ही साथ ऐसे कपड़े पहने जो उसे एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति दिखाएं। इमरान का इस फिल्‍म में बोलने और बात करने का अंदाज भी दूसरी फिल्मों से अलग रहा।डर्टी पिक्चर तो वैसे विद्या बालन के लिए याद की जाएगी लेकिन विद्या के बाद जिस पात्र ने लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान खींचा वह फिल्‍म निर्देशक अब्राहम का किरदार था। इमरान हाशमी ने इस नकचढ़े इंटलैक्चुअल फिल्म निर्देशक की भूमिका को शानदार तरीके से जिया। विद्या बालन के साथ प्यार करने के अलावा नफरत करने के दृश्यों में भी उन्होंने दर्शकों को प्रभावित किया। सितारों की भीड़ में भी इमरान बिल्कुल अलग नजर आए।वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई' फिल्म में इमरान हाशमी शोएब खान के किरदार में नजर आए। इसे दाउद अब्राहिम की भूमिका माना गया। इस फिल्म में इमरान हाशमी ने एक महात्वाकांक्षी इंसान की भूमिका को पर्दे पर जींवत किया। अजय देवगन जैसे बड़े कलाकार के होने के बावजूद इमरान हाशमी की भूमिका दर्शकों को याद रही। इमरान के हिस्से में जो दृश्य अजय देवगन के भी साथ थे उसमें भी इमरान कमजोर नजर नहीं आए।एक ही तरह की फिल्मों में टाइप्ड हो चुके इमरान हाशमी को 'गैंगस्टर' फिल्म में देखकर दर्शक चौंक पड़े। ग्रे शेड वाला उनका य‌ह किरदार सभी को रास आया। पर्दे पर उनकी भूमिका इतनी सशक्कत थी कि वह फिल्म के हीरो शाहनी अहूजा पर भी भारी पड़ते दिखे। एक अवसरवादी व्यक्ति का किरदार उन्होंने मानों जी दिया था। इमरान हाशमी में एक अच्छा अभिनेता है इस बात का इशारा भी इसी फिल्‍म से मिला था।
कम बजट की इन फिल्मों ने खासी सफलता हासिल की, इसलिए इमरान बॉलीवुड के कई नायकों की ईर्ष्या के कारण बने। अपेक्षाकृत छोटे बैनर, नए निर्देशक और नई नायिकाओं के साथ उन्होंने सफलता हासिल की। सफल फिल्मों का श्रेय बजाय इमरान को देने के बजाय हिट संगीत को दिया गया। सीरियल किसर के रूप में इमरान का मजाक उड़ाया गया, लेकिन इमरान खामोशी से अपना काम करते रहे।  इमरान का कहना है कि बॉलीवुड और मीडिया उनके बारे में कुछ भी बोलते रहें, लेकिन जनता उन्हें पसंद करती है और यही उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है। वे जनता के हीरो हैं और वे उसकी पसंद के अनुरूप काम करते रहेंगे। हाल ही  में उनकी फिल्म अजहर प्रदर्शित हुई। इमरान कहीं से भी अजहर नहीं लगते और न ही अजहरुद्दीन के व्यक्तित्व में वो करिश्मा बाकी है कि उनकी बायोपिक बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी की गारंटी दे। बावजूद इसके फिल्म चल गई। ये करिश्मा इमरान का है या उसके सीरियल किसर इमेज का या फिर वजह कुछ और ही है ? इसका जवाब आप खुद ही ढूंढें तो बेहतर होगा। 

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