कोई भी कलाकार
अपनी भाषा और
संस्कृति से काटकर मुकम्मल नहीं
हो सकता - अमिताभ बच्चन .
कोई भी कलाकार अपनी भाषा और संस्कृति से काटकर मुकम्मल नहीं हो सकता - ये मानना है हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन का... हिंदी सहित कई भाषाओँ की फिल्मों में काम कर चुके बिग बी का मानना है कि भोजपुरी फिल्मों में काम करके उन्हें काफी अपनत्व महसूस होता है.. "गंगा" और "गंगोत्री" जैसी भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके बिग बी इन दिनों दीपक सावंत की अगली भोजपुरियो फिल्म "गंगादेवी" की शूटिंग में व्यस्त हैं... इस बारे में बात की हमारे संवाददाता कुमार संजय सिंह ने...
कोई भी कलाकार अपनी भाषा और संस्कृति से काटकर मुकम्मल नहीं हो सकता - ये मानना है हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन का... हिंदी सहित कई भाषाओँ की फिल्मों में काम कर चुके बिग बी का मानना है कि भोजपुरी फिल्मों में काम करके उन्हें काफी अपनत्व महसूस होता है.. "गंगा" और "गंगोत्री" जैसी भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके बिग बी इन दिनों दीपक सावंत की अगली भोजपुरियो फिल्म "गंगादेवी" की शूटिंग में व्यस्त हैं... इस बारे में बात की हमारे संवाददाता कुमार संजय सिंह ने...
१) "गंगा", "गंगोत्री" और अब "गंगादेवी" भोजपुरी फिल्मों का आपका अनुभव कैसा रहा..?
मै भोजपुरी फिल्मों में
इसलिए काम करता
हूँ कि मुझे
इस भाषा से
काफी लगाव है..
ये फ़िल्में हमें
हमारी भाषा और
संस्कृति से जोडती है..
काफी अपनत्व-सा
लगता है.. कम-से-कम मैं
तो इसी मकसद
से भोजपुरी फ़िल्में करता
हूँ और अब
तक का अनुभव
काफी अच्छा रहा
है..
२) अपनी भाषा और अपने लोग - मेरा मतलब आपके साथ इस बार जया जी भी इस फिल्म में स्क्रीन शेयर कर रही है..?
अपनी भाषा में
जब अपने लोग साथ रहेंगे तो
लोगों को भी
अपनापन ही लगेगा..
फिल्म में भी
हम पति-पत्नी
के रोल में
ही हैं.. लेकिन
हमारे विचार अलग-अलग हैं.. हालाँकि भोजपुरी में
ये जया की
पहली फिल्म है,
लेकिन मेरे पारिवारिक परिवेश
के कारण उन्हें
ज्यादा परेशानी नहीं
हुई..
३) ऐसा कहा जाता है कि आप दीपक सावंत के लिए ही भोजपुरी फ़िल्में करते हैं..?
जी
हाँ, क्योंकि केवल
दीपक सावंत ही
मुझे भोजपुरी फिल्म
में काम करने
का ऑफर देते
हैं.. अगर किसी
और ने भी
ऑफर दिया और
मेरे करने लायक
रोल रहा तो
ज़रूर करूँगा.. दीपक
जी पिछले ३५
सालों से मेरे
साथ जुड़ें हैं..
अगर वो एक
फिल्ममेकर के रूप में
आगे बढ़ना चाहते
हैं, तो मैं
भी उन्हें अपना
सहयोग देता रहता
हूँ... और आगे
भी उनका सहयोग
करता रहूँगा...
४) भोजपुरी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है..?
४) भोजपुरी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है..?
एक भाषा के
तौर पर भोजपुरी में
अनंत संभावनाएं हैं...
देश का एक
बड़ा वर्ग इस
भाषा को बोलता
और समझता है..
लेकिन मुझे ऐसा
लगता है कि
इस भाषा में
बन रही फिल्मों को
अभी थोड़ा और
वक्त मिलना चाहिए
ताकि वो मनोरंजन और
तहजीब के फर्क
को समझ सकें..
भोजपुरी में इंडस्ट्री को
अपने पैरों पर
खड़ा होने के
लिए अभी थोड़ा
वक़्त लगेगा... इस
इंडस्ट्री की जब आर्थिक
कड़ी मजबूत होगी,
तो फ़िल्में भी
अच्छी बनेंगी..
5) दूसरी रीजनल भाषाओँ
की बात करें तो वो हर मायने में हिंदी फिल्मों को टक्कर देती नज़र आती हैं, लेकिन एक विशाल दर्शक वर्ग होने के बावजूद भोजपुरी फ़िल्में अलग-थलग ही नज़र आती हैं.. इसकी वजह..?
वजह तो इस
इंडस्ट्री से जुड़े लोग
ही बता सकते
हैं.. उन्हें खुद
अपनी कमियां ढूंढ़नी पड़ेगी..
उन्हें दूसरी भाषाओँ
से सीखना चाहिए..
सबसे बड़ी बात
है कि नियत
और मकसद साफ
हो, तो कोई
भी फिल्म मुख्य
धरा में अपनी
अलग पहचान बना
सकती है..
६) एक समय था जब हिंदी फिल्मों में भोजपुरी कल्चर का बोलबाला रहता था, लेकिन आज की फिल्मों से ये गायब हो चुका है..
भोजपुरी संस्कृति का मिजाज़ हिंदी
फिल्मों पर हमेशा से
हावी रहा है..
लेकिन धीरे-धीरे
सिनेमा अपनी जड़ों
से कटता हुआ
ग्लोबल होते चला
गया.. ग्लोबल होने
के फेर में
सब कुछ पीछे
छूट गया... लेकिन
हालही में बन
रही फिल्मों से
ऐसा लगता है
कि सिनेमा अपनी
जड़ों की ओर
लौट रहा है..
ज़ाहिर है कि
एक बार फिर
पुराने दिन लौटने
वालें हैं... अपनी
जड़ों से कटकर
कोई भी संस्कृति या
सिनेमा ज्यादा दिन
तक जिंदा नहीं
रह सकता..
७) इस फिल्म में आपके साथ गुलशन ग्रोवर भी हैं, उन्हें भोजपुरी के डायलॉगबोलते देखना कैसा लगा..?
गुलशन जी काफी
डिवोटेड आर्टिस्ट हैं.. हालाँकि फिल्म
में मेरे साथ
उनके सीन नहीं
है, लेकिन उन्होंने अच्छा
ही काम किया
होगा..
८) इन दिनों काफी कम काम कर रहे हैं..?
मेरी अब उम्र
हो चली है..
ज़ाहिर है मै
पहले जैसा एक्टिव
तो नहीं रह
सकता, फिर भी
काम तो कर
ही रहा हूँ..
और जब तक
काम मिलता रहेगा
करता रहूंगा..
९) "बुड्ढा होगा तेरा बाप" की कामयाबी से ये साबित हुआ है कि लोग अब भी आपको एंग्री यंग मैन वाली इमेज में ही देखना चाहते हैं..
"बुड्ढा होगा तेरा
बाप" एक एक्सपेरिमेंटल फिल्म
थी.. जिसमें एक्शन
से ज्यादा कॉमेडी
पर जोर दिया
गया था.. जहाँ
तक एंग्री यंग
मैन की छवि
का सवाल है,
तो मैं अब
ओल्ड मैन बन
गया हूँ.. अब मै
कुछ अलग किस्म
की फ़िल्में करना
चाहता हूँ..
१०) "कहानी",
"पॉवर", "डिपार्टमेंट" और "ग्रेट दादू" आपकी आनेवाली फ़िल्में हैं, किस फिल्म में आपका रोल आपके द्वारा निभाए गए किरदारों से अलहदा है..?
ये सभी फ़िल्में अलग-अलग मिजाज़ और
ट्रीटमेंट के हिसाब से
बन रही है..
जब ये सारी
फ़िल्में रिलीज़ होगी तो
आप ही डिसाइड
कर लेना..
११) रीमेक फिल्मों का दौर है, आपकी फिल्मों के भी रीमेक खूब बन रहे हैं.. क्या कोई ऐसी फिल्म है, जिसके रीमेक में अलग काम करना चाहते हैं...?
११) रीमेक फिल्मों का दौर है, आपकी फिल्मों के भी रीमेक खूब बन रहे हैं.. क्या कोई ऐसी फिल्म है, जिसके रीमेक में अलग काम करना चाहते हैं...?
वैसे
तो मैं ओरिजनल
फिल्मों में ही काम
करना पसंद करता
हूँ, लेकिन अगर
मौका मिले तो
मै दिलीप साहब
की किसी फिल्म
के रीमेक में
काम ज़रूर करना
चाहूँगा..
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