Wednesday, November 21, 2012
Saturday, November 17, 2012
सितारों की अधूरी प्रेम कहानियां
यूं तो बॉलिवुड में रिश्तों का बनना और बिगड़ना बहुत बड़ी बात नहीं कही जा सकती लेकिन चाहे ना चाहे कभी-कभार कुछ लोगों के साथ अजब सा जुड़ाव महसूस होता है और उसी के साथ जिंदगी बिताना ही सबसे बड़ी चाहत बन जाती है. लेकिन कई बार ऐसे निर्णय भावुक होकर या फिर बिना सोचे-समझे ले लिए जाते हैं, जिसकी वजह से वह उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते जिसकी उम्मीद की जाती है. हिन्दी फिल्मों का एक जमाना वो भी था जब कलाकारों ने प्रेम के अर्थ को दुनिया तक पहुंचाया. लेकिन अब उस प्रेम का अर्थ पूरी तरह बदल गया है क्योंकि इस लेख में हम आपको आज के ऐसे ही कुछ सिलेब्रिटीज से परिचित करवाने जा रहे हैं जिन्होंने एक समय तक तो साथ जीने मरने की कसमें खाईं लेकिन जब अलग हुए तो दोबारा उस तरफ मुड़ कर भी नहीं देखा.
अक्षय कुमार और शिल्पा शेट्टी (Akshay Kumar and Shilpa Shetty):
रवीना टंडन के साथ संबंध में होने के बावजूद अक्षय का दिल शिल्पा शेट्टी
पर आ गया. दोनों ने दुनिया के सामने कभी अपने संबंध को छिपाने की कोशिश भी
नहीं की और यह माना जा रहा था कि जल्द ही अक्षय और शिल्पा विवाह कर लेंगे.
लेकिन अक्षय चाहते थे कि विवाह के बाद उनकी पत्नी फिल्मों में काम ना करें
और शिल्पा तो हमेशा से ही कॅरियर को प्राथमिकता देती थीं. बस यही कारण था
जो अक्षय कुमार ने शिल्पा का साथ छोड़ उन्हीं की दोस्त और अभिनेत्री
ट्विंकल खन्ना के साथ विवाह कर लिया.. सलमान खान और ऐश्वर्या राय (Salman Khan and Aishwarya Rai): वर्ष
1999 में दबंग सलमान और ब्यूटी क्वीन ऐश्वर्या राय ने डेटिंग करना शुरू
किया. लेकिन सलमान खान का ओवर पजेसिव व्यवहार और ऐश्वर्या की जिंदगी में
अत्याधिक दखल देना उनके रिश्ते के टूटने की वजह बनी. सलमान खान हर उस जगह
पहुंच जाते थे जहां ऐश्वर्या शूटिंग कर रही होती थीं जो पूर्व मिस वर्ल्ड
को कभी पसंद नहीं आता था. 2 साल तक सब ठीक-ठाक रहा लेकिन फिर ऐश्वर्या ने
सलमान का साथ छोड़ दिया.
करिश्मा कपूर और अभिषेक बच्चन (Karishma Kapoor and Abhishek Bachchan): इस जोड़े को मेड इन बॉलिवुड हेवन
कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा. बॉलिवुड के दो बड़े परिवार जब रिश्ते में
बंधने जा रहे थे तो पूरी फिल्म इंडस्ट्री करिश्मा कपूर और अभिषेक बच्चन के
संबंध को लेकर बहुत खुश थी लेकिन अचानक खबरें आने लगीं कि अभिषेक और
करिश्मा कपूर की सगाई टूट गई है. दोनों के ही परिवारों ने रिश्ता टूटने का
कारण नहीं बताया और जल्द ही करिश्मा कपूर और दिल्ली के एक व्यवसायी संजय
कपूर का विवाह हो गया. कुछ सालों बाद अभिषेक बच्चन ने भी ऐश्वर्या राय को
अपनी जीवन संगिनी बना लिया. रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण (Ranbir Kapoor and Deepika Padukone): फिल्मी
दुनिया में आते ही रणबीर कपूर और दीपिका एक-दूसरे के करीब आने लगे थे.
दोनों ने अपने रिश्ते को सार्वजनिक तौर पर कबूल भी किया था. यहां तक कि
दीपिका पादुकोण ने तो अपनी गर्दन पर रणबीर के नाम का पहला अक्षर भी टैटू
करवाया था, लेकिन अचानक ही दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए और जो कारण बाहर
आया वो था रणबीर का प्लेब्वॉय नेचर.
5. सैफ अली खान और अमृता सिंह (Saif Ali Khan and Amrita Singh): जब
सैफ अली खान फिल्मों में आए थे तब तक अमृता सिंह अभिनेत्री के रूप में
स्थापित हो चुकी थीं. रवि शास्त्री और सनी देयोल के साथ उनके अफेयर के
किस्से भी आम थे. लेकिन जब अपनी उम्र से बारह साल बड़ी अमृता के साथ सैफ
अली खान ने विवाह किया तो यह सभी के लिए हैरानी का विषय था. सैफ और अमृता
का विवाह इतने गुपचुप तरीके से हुआ कि उनके परिवार को भी इसकी कोई खबर नहीं
हुई. विवाह के बाद अमृता ने परिवार के लिए अपना कॅरियर भी छोड़ दिया.
लेकिन कुछ सालों बाद अमृता सिंह और सैफ अली खान ने तलाक ले लिया. इन दोनों
के दो बच्चे हैं और सैफ जल्द ही बॉलिवुड अभिनेत्री करीना कपूर से विवाह
करने जा रहे हैं.
आमिर खान और रीना दत्ता (Amir khan and Reena Dutta): आमिर
ने अपनी बचपन की दोस्त और पड़ोसी रीना दत्ता के साथ विवाह किया और अपने
संबंध को महज 15 वर्ष तक निभाया. विवाह के 15 सालों बाद आमिर ने तलाक और
बच्चों की कस्टडी की अर्जी डाल दी जिसे वह जीते भी. रीना को तलाक देने के
बाद आमिर खान ने किरण राव से विवाह किया.
बॉलिवुड
में जब भी प्रेम कहानियों की बात आती है तो जहन में मुगल-ए-आजम और दिलवाले
दुल्हनियां जैसी फिल्में आती हैं. लेकिन बॉलिवुड में प्यार की कुछ ऐसी
दास्ताने भी हैं जो किसी अमर प्रेम कथा से कम नहीं हैं. आप रेखा और अमिताभ
बच्चन की प्रेम कहानी को ले लो या फिर हाल की सलमान और ऐश्वर्या की जोड़ी.
इन जोड़ियों की कहानी किसी रोमियो जूलियट से कम नहीं है. बॉलिवुड की कुछ ऐसी
ही जोड़ियों के बारे में आज का यह ब्लॉग आपको बताएगा कि आखिर प्यार वह ही
नहीं है जो पर्दे पर दिखता है बल्कि कई जोड़ियां कहानियों को सच करते नजर भी
आती हैं.
देवानंद और सुरैया:
बॉलिवुड के किशन कन्हैया के नाम से मशहूर देवानंद का अफेयर सुरैया के साथ
कुछ ऐसा था जैसे की कोई फिल्मी कहानी. पहली नजर में प्यार हुआ, दोनों के
प्यार ने कई हिट फिल्में दी, प्यार का इजहार भी हुआ, अंगूठी भी दी गई लेकिन
प्यार के दुश्मन जमाने ने दोनों को मिलने नहीं दिया.
देवानंद
उस समय एक हिट अभिनेता थे तो वहीं सुरैया भी किसी से कम नहीं थीं. लेकिन
सुरैया की नानी को देवानंद से नफरत थी और यही वजह थी कि बॉलिवुड की यह
मशहूर लवर जोड़ी एक ना हो सकी. देवानंद अक्सर कहा करते थे कि अगर सुरैया साथ होतीं तो वह जिंदगी कुछ और होती.
कहा
जाता है कि दोनों के अलग होने के फैसले के बाद सुरैया ने देव आनंद की दी
हुई अंगूठी को समुद्र के किनारे बैठकर समुद्र में फेंक दिया.
अमिताभ और रेखा: बतौर
अभिनेत्री रेखा की पहचान अमिताभ बच्चन की नायिका बनने के साथ शुरू हुई, जब
उन्होंने पहली बार फिल्म अलाप में अमिताभ के साथ काम किया. प्रकाश मेहरा
की मुकद्दर का सिकंदर में रेखा और अमिताभ की जोड़ी ने पहली बार शोहरत के
आसमान को छुआ और फिर देखते ही देखते यह जोड़ी सिने-इतिहास में अपना नाम
दर्ज करती चली गई. सुहाग, मि. नटवरलाल सहित कई फिल्मों की सफलता के साथ इस
जोड़ी ने बुलंदी का वह शिखर छुआ, जिसे आज भी लोकप्रियता का इतिहास माना
जाता है. इस जोड़ी के दीवाने तो आज भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि यह जोड़ी एक
बार फिर सफलता के इतिहास को दोहराए. इसमें कोई शक नहीं है कि जिस दिन
अमिताभ-रेखा एक फिल्म में साथ काम करने के लिए राजी हो गए, वह फिल्म
दर्शकों के हुजूम को थिएटरों में ले आएगी.
पर्दे से
परे यूं तो दोनों को एक साथ कम ही देखा गया लेकिन जानकार कहते हैं कि यह
दोनों फिल्मी पर्दे से अलग भी हमेशा प्यार में ही खोए रहते थे. हालांकि
अमिताभ एक पारिवारिक पुरुष की छवि वाले इंसान रहे हैं और उन्होंने जया
बच्चन से शादी के बाद रेखा के साथ काम करने से मना कर दिया और दूसरी ओर
रेखा ने भी दुबारा कभी अमिताभ के साथ काम ना करने का फैसला किया. आखिरी बार
दोनों की जोड़ी फिल्म “सिलसिला” में नजर आई थी जिसमें लगता था अमिताभ, रेखा
और जया के प्रेम त्रिकोण की असलियत को ही पर्दे पर रख दिया गया हो.
सलमान खान और ऐश्वर्या राय: बॉलिवुड
में यह जोड़ी सबसे अधिक चर्चित मानी जाती है. एक समय था जब बॉलिवुड की हर
मैगजीन में इस जोड़ी के बारे में चर्चा जरूर होती थी. सलमान खान और ऐश्वर्या
राय की जोड़ी ऐसा लगता था कि स्वर्ग में बनी हो. दोनों का साथ भी बहुत सुखद
था. लेकिन एक पागल आशिक की तरह सलमान खान का बर्ताव ऐश्वर्या राय को सही
नहीं लगा.
सलमान खान
ऐश्वर्या को हमेशा अपनी नजरों के सामने ही रखते थे. सलमान खान के इसी हद
से ज्यादा वाले प्यार ने ऐश्वर्या को उनसे दूर कर दिया. ऐश्वर्या को
फिल्मों के सेट पर सलमान का आना नागवार गुजरा और उन्होंने सलमान से रिश्ता
जोड़ विवेक का दामन थाम लिया. ऐश्वर्या राय से सलमान का रिश्ता क्या टूटा
सलमान ने आज तक किसी को दिल से चाहा नहीं. वहीं ऐश्वर्या राय अब मिसेज
ऐश्वर्या राय “बच्चन” बन चुकी हैं.
Friday, November 16, 2012
कोई भी कलाकार अपनी भाषा और संस्कृति से काटकर मुकम्मल नहीं हो सकता - अमिताभ बच्चन .
कोई भी कलाकार
अपनी भाषा और
संस्कृति से काटकर मुकम्मल नहीं
हो सकता - अमिताभ बच्चन .
कोई भी कलाकार अपनी भाषा और संस्कृति से काटकर मुकम्मल नहीं हो सकता - ये मानना है हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन का... हिंदी सहित कई भाषाओँ की फिल्मों में काम कर चुके बिग बी का मानना है कि भोजपुरी फिल्मों में काम करके उन्हें काफी अपनत्व महसूस होता है.. "गंगा" और "गंगोत्री" जैसी भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके बिग बी इन दिनों दीपक सावंत की अगली भोजपुरियो फिल्म "गंगादेवी" की शूटिंग में व्यस्त हैं... इस बारे में बात की हमारे संवाददाता कुमार संजय सिंह ने...
कोई भी कलाकार अपनी भाषा और संस्कृति से काटकर मुकम्मल नहीं हो सकता - ये मानना है हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन का... हिंदी सहित कई भाषाओँ की फिल्मों में काम कर चुके बिग बी का मानना है कि भोजपुरी फिल्मों में काम करके उन्हें काफी अपनत्व महसूस होता है.. "गंगा" और "गंगोत्री" जैसी भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके बिग बी इन दिनों दीपक सावंत की अगली भोजपुरियो फिल्म "गंगादेवी" की शूटिंग में व्यस्त हैं... इस बारे में बात की हमारे संवाददाता कुमार संजय सिंह ने...
१) "गंगा", "गंगोत्री" और अब "गंगादेवी" भोजपुरी फिल्मों का आपका अनुभव कैसा रहा..?
मै भोजपुरी फिल्मों में
इसलिए काम करता
हूँ कि मुझे
इस भाषा से
काफी लगाव है..
ये फ़िल्में हमें
हमारी भाषा और
संस्कृति से जोडती है..
काफी अपनत्व-सा
लगता है.. कम-से-कम मैं
तो इसी मकसद
से भोजपुरी फ़िल्में करता
हूँ और अब
तक का अनुभव
काफी अच्छा रहा
है..
२) अपनी भाषा और अपने लोग - मेरा मतलब आपके साथ इस बार जया जी भी इस फिल्म में स्क्रीन शेयर कर रही है..?
अपनी भाषा में
जब अपने लोग साथ रहेंगे तो
लोगों को भी
अपनापन ही लगेगा..
फिल्म में भी
हम पति-पत्नी
के रोल में
ही हैं.. लेकिन
हमारे विचार अलग-अलग हैं.. हालाँकि भोजपुरी में
ये जया की
पहली फिल्म है,
लेकिन मेरे पारिवारिक परिवेश
के कारण उन्हें
ज्यादा परेशानी नहीं
हुई..
३) ऐसा कहा जाता है कि आप दीपक सावंत के लिए ही भोजपुरी फ़िल्में करते हैं..?
जी
हाँ, क्योंकि केवल
दीपक सावंत ही
मुझे भोजपुरी फिल्म
में काम करने
का ऑफर देते
हैं.. अगर किसी
और ने भी
ऑफर दिया और
मेरे करने लायक
रोल रहा तो
ज़रूर करूँगा.. दीपक
जी पिछले ३५
सालों से मेरे
साथ जुड़ें हैं..
अगर वो एक
फिल्ममेकर के रूप में
आगे बढ़ना चाहते
हैं, तो मैं
भी उन्हें अपना
सहयोग देता रहता
हूँ... और आगे
भी उनका सहयोग
करता रहूँगा...
४) भोजपुरी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है..?
४) भोजपुरी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है..?
एक भाषा के
तौर पर भोजपुरी में
अनंत संभावनाएं हैं...
देश का एक
बड़ा वर्ग इस
भाषा को बोलता
और समझता है..
लेकिन मुझे ऐसा
लगता है कि
इस भाषा में
बन रही फिल्मों को
अभी थोड़ा और
वक्त मिलना चाहिए
ताकि वो मनोरंजन और
तहजीब के फर्क
को समझ सकें..
भोजपुरी में इंडस्ट्री को
अपने पैरों पर
खड़ा होने के
लिए अभी थोड़ा
वक़्त लगेगा... इस
इंडस्ट्री की जब आर्थिक
कड़ी मजबूत होगी,
तो फ़िल्में भी
अच्छी बनेंगी..
5) दूसरी रीजनल भाषाओँ
की बात करें तो वो हर मायने में हिंदी फिल्मों को टक्कर देती नज़र आती हैं, लेकिन एक विशाल दर्शक वर्ग होने के बावजूद भोजपुरी फ़िल्में अलग-थलग ही नज़र आती हैं.. इसकी वजह..?
वजह तो इस
इंडस्ट्री से जुड़े लोग
ही बता सकते
हैं.. उन्हें खुद
अपनी कमियां ढूंढ़नी पड़ेगी..
उन्हें दूसरी भाषाओँ
से सीखना चाहिए..
सबसे बड़ी बात
है कि नियत
और मकसद साफ
हो, तो कोई
भी फिल्म मुख्य
धरा में अपनी
अलग पहचान बना
सकती है..
६) एक समय था जब हिंदी फिल्मों में भोजपुरी कल्चर का बोलबाला रहता था, लेकिन आज की फिल्मों से ये गायब हो चुका है..
भोजपुरी संस्कृति का मिजाज़ हिंदी
फिल्मों पर हमेशा से
हावी रहा है..
लेकिन धीरे-धीरे
सिनेमा अपनी जड़ों
से कटता हुआ
ग्लोबल होते चला
गया.. ग्लोबल होने
के फेर में
सब कुछ पीछे
छूट गया... लेकिन
हालही में बन
रही फिल्मों से
ऐसा लगता है
कि सिनेमा अपनी
जड़ों की ओर
लौट रहा है..
ज़ाहिर है कि
एक बार फिर
पुराने दिन लौटने
वालें हैं... अपनी
जड़ों से कटकर
कोई भी संस्कृति या
सिनेमा ज्यादा दिन
तक जिंदा नहीं
रह सकता..
७) इस फिल्म में आपके साथ गुलशन ग्रोवर भी हैं, उन्हें भोजपुरी के डायलॉगबोलते देखना कैसा लगा..?
गुलशन जी काफी
डिवोटेड आर्टिस्ट हैं.. हालाँकि फिल्म
में मेरे साथ
उनके सीन नहीं
है, लेकिन उन्होंने अच्छा
ही काम किया
होगा..
८) इन दिनों काफी कम काम कर रहे हैं..?
मेरी अब उम्र
हो चली है..
ज़ाहिर है मै
पहले जैसा एक्टिव
तो नहीं रह
सकता, फिर भी
काम तो कर
ही रहा हूँ..
और जब तक
काम मिलता रहेगा
करता रहूंगा..
९) "बुड्ढा होगा तेरा बाप" की कामयाबी से ये साबित हुआ है कि लोग अब भी आपको एंग्री यंग मैन वाली इमेज में ही देखना चाहते हैं..
"बुड्ढा होगा तेरा
बाप" एक एक्सपेरिमेंटल फिल्म
थी.. जिसमें एक्शन
से ज्यादा कॉमेडी
पर जोर दिया
गया था.. जहाँ
तक एंग्री यंग
मैन की छवि
का सवाल है,
तो मैं अब
ओल्ड मैन बन
गया हूँ.. अब मै
कुछ अलग किस्म
की फ़िल्में करना
चाहता हूँ..
१०) "कहानी",
"पॉवर", "डिपार्टमेंट" और "ग्रेट दादू" आपकी आनेवाली फ़िल्में हैं, किस फिल्म में आपका रोल आपके द्वारा निभाए गए किरदारों से अलहदा है..?
ये सभी फ़िल्में अलग-अलग मिजाज़ और
ट्रीटमेंट के हिसाब से
बन रही है..
जब ये सारी
फ़िल्में रिलीज़ होगी तो
आप ही डिसाइड
कर लेना..
११) रीमेक फिल्मों का दौर है, आपकी फिल्मों के भी रीमेक खूब बन रहे हैं.. क्या कोई ऐसी फिल्म है, जिसके रीमेक में अलग काम करना चाहते हैं...?
११) रीमेक फिल्मों का दौर है, आपकी फिल्मों के भी रीमेक खूब बन रहे हैं.. क्या कोई ऐसी फिल्म है, जिसके रीमेक में अलग काम करना चाहते हैं...?
वैसे
तो मैं ओरिजनल
फिल्मों में ही काम
करना पसंद करता
हूँ, लेकिन अगर
मौका मिले तो
मै दिलीप साहब
की किसी फिल्म
के रीमेक में
काम ज़रूर करना
चाहूँगा..
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